" प्रेम प्रेम और प्रेम
इस परिभाषा के इर्दगिर्द
कितनी बातें कहीं गईं
ना जाने कितनी सुनी गईं
विच्छेदन जाने हुए कितने
और इस एक प्रेम में
रक्त अस्थि मज्जा स्नायु
नाड़ी तंत्र पाये कितने
प्रयोगों के निष्कर्ष लिखे गये
प्रेम शोध के नये बिंदु गढ़े गये
पर यह कभी ना बदल सका
लाख जतन बदलने किये गये
सुनो प्रेम चुप हो जाता है
यह बस सुनता है
कहता नहीं बताता नहीं कोई नेम
प्रेम प्रेम और प्रेम "
© डॉ. अमित कुमार नेमा
चित्र साभार : गूगल छवियाँ
सुनो प्रेम चुप हो जाता है
जवाब देंहटाएंयह बस सुनता है
कहता नहीं बताता नहीं कोई नेम
प्रेम प्रेम और प्रेम "