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आज ( 08 मार्च ) को अंतर्राष्ट्रीय नारी दिवस की शुभकामनायें आप सबको किस प्रकार प्रेषित की जाएँ ? इस असमंजस में था तो इस दिन को मैंने अपने तरीके से स्मरणीय बनाने की सोची किया मैंने यह कि आज नेत्रदान* का संकल्प पत्र भर दिया और लिखी एक कविता :
" नारी औ’ नयन "
जीवन में एक और जीवन समा जाने की अनुभूति,
नवरस के नवमासों की शुरू फिर उलटी गिनती,
गर्वित हो जाती नारी औ’ सजग होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
बाल-विनोद, कैशोर्य-कलह, डोली उठाते स्कंध,
है मेरा भाई पुकार उठते विकल रक्त संबंध,
विह्वल हो जाती नारी औ’ निर्झर होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
हो सदय प्रियतम दिया प्रीति-प्रसाद का वर्चस्व,
कर विश्वास, कांत मान अर्पित तुम पर सर्वस्व,
चित्रलिखित हो जाती नारी औ’ अन्वेषण करते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
किलकारी बन के आई आत्मजा का धरा कलेवर,
कन्यादान का आशीष देगी बनाना उर-पुष्प को प्रस्तर,
प्रगलित हो जाती नारी औ’ सिन्धु होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
जन्म है इन्हीं से और इन्हीं से है मरण,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
चित्र: मेरे कुशल चित्रकार मित्र श्री Raghunath Sahoo के सौजन्य से
चलते चलते कुछ जानकारी नेत्रदान के संबंध में :
नेत्रदान कौन कर सकते हैं?
डॉ. अमित कुमार नेमा : 08/03/2014
आज ( 08 मार्च ) को अंतर्राष्ट्रीय नारी दिवस की शुभकामनायें आप सबको किस प्रकार प्रेषित की जाएँ ? इस असमंजस में था तो इस दिन को मैंने अपने तरीके से स्मरणीय बनाने की सोची किया मैंने यह कि आज नेत्रदान* का संकल्प पत्र भर दिया और लिखी एक कविता :
जीवन में एक और जीवन समा जाने की अनुभूति,
नवरस के नवमासों की शुरू फिर उलटी गिनती,
गर्वित हो जाती नारी औ’ सजग होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
बाल-विनोद, कैशोर्य-कलह, डोली उठाते स्कंध,
है मेरा भाई पुकार उठते विकल रक्त संबंध,
विह्वल हो जाती नारी औ’ निर्झर होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
हो सदय प्रियतम दिया प्रीति-प्रसाद का वर्चस्व,
कर विश्वास, कांत मान अर्पित तुम पर सर्वस्व,
चित्रलिखित हो जाती नारी औ’ अन्वेषण करते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
किलकारी बन के आई आत्मजा का धरा कलेवर,
कन्यादान का आशीष देगी बनाना उर-पुष्प को प्रस्तर,
प्रगलित हो जाती नारी औ’ सिन्धु होते नयन,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
जन्म है इन्हीं से और इन्हीं से है मरण,
अमोलक द्वय हैं अनुपमेय नारी औ’ नयन |
चित्र: मेरे कुशल चित्रकार मित्र श्री Raghunath Sahoo के सौजन्य से
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चलते चलते कुछ जानकारी नेत्रदान के संबंध में :
कोई भी सामान्य स्वस्थ व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है। साथ ही डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों से पीडि़त व्यक्ति भी अपनी आंखें दान कर सकते हैं। मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकते हैं। नेत्रदान के लिए उम्र और जेंडर भी कोई बाधा नहीं है।
नेत्रदान कौन नहीं कर सकते?
अगर व्यक्ति की मृत्यु निम्रलिखित बीमारियों या कारणों से हुई है तो नेत्रदान नहीं किया जा सकता
1. एड्स / हेपेटाइटिस बी
2. सैप्टिसीमिया / सेपसिस
3. ल्यूकिमिया
4. रेबीज
5. सिर और गर्दन के मेटास्टेसिस कैंसर
6. इन्सेफेलाइटिस
7. Hodgkin Lymphoma
अगर व्यक्ति की मृत्यु निम्रलिखित बीमारियों या कारणों से हुई है तो नेत्रदान नहीं किया जा सकता
1. एड्स / हेपेटाइटिस बी
2. सैप्टिसीमिया / सेपसिस
3. ल्यूकिमिया
4. रेबीज
5. सिर और गर्दन के मेटास्टेसिस कैंसर
6. इन्सेफेलाइटिस
7. Hodgkin Lymphoma
नेत्रदान की प्रक्रिया:
* मृतक की आंखें तभी उपयोगी होंगी, जब वे मृत्यु उपरांत 6 घंटे के भीतर दान कर दी जाएं।
* मृतक के परिजन/मित्र स्थानीय नेत्रबैंक में फोन करके सूचना दे सकते हैं (6 घंटे के भीतर)। सूचना मिलने पर नेत्रबैंक का दल शीघ्र दानकर्ता के घर या जहां शरीर उपलब्ध होगा, वहां पहुंच जाएगा। यदि मृतक ने अपने जीवनकाल में नेत्रदान का संकल्प नहीं लिया है या इसका फार्म नहीं भरा है तब भी पारिवारिक सहमति से नेत्रदान किया जा सकता है।
* नेत्रदान की प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इसमें आंखों से कॉर्निया लिया जाता है। इस प्रक्रिया में रक्त नहीं बहता और मृतक के चेहरे को कोई नुकसान नहीं होता। जांच के लिए मात्र 10 मिलीग्राम रक्त लिया जाता है।
* कॉर्निया निकालने के बाद इसका विश्लेषण किया जाता है और सुरक्षित करने का कार्य नेत्रबैंक में किया जाता है तथा कॉर्निया को 72 घंटे के भीतर नेत्रहीन व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
* नेत्रबैंक मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद पंजीकृत किया जाता है। दान की गई आंखों को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता, ऐसा करना अधिनियम के अनुसार अपराध है।
नेत्रदान से जुड़े आम मिथक/ भ्रांतियां
अगले जन्म में अंधे पैदा होंगे: गलत नेत्रदान तो वास्तव में एक व्यक्ति द्वारा की गई महान सेवा है और अच्छे कार्य करने का फल हमेशा अच्छा ही होता है। सभी धर्मों में नेत्रदान का समर्थन किया गया है।
कुछ लोग इसलिए नेत्रदान का संकल्प नहीं लेते कि उनके रिश्तेदार क्या सोचेंगे: व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए कि इतने महान विचार में छोटी-छोटी बातें बाधा नहीं बननी चाहिए। बल्कि व्यक्ति अपने परिजनों और रिश्तेदारों को भी नेत्रदान के लिए प्रेरित करने की कोशिश करे।
मोतियाबिंद होने पर नेत्रदान नहीं हो सकता: मोतियाबिंद का मरीज नेत्रदान नहीं कर सकता लेकिन, जिस व्यक्ति का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो चुका है, उसके मामले में नेत्रदान पर विचार किया जा सकता है।
नेत्रदान का संकल्प पत्र भरने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
हमेशा की तरह मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं की व्यग्रता से प्रतीक्षा है ! तब तक के लिये इजाज़त दीजिये
धन्यवाद !
डॉ. अमित कुमार नेमा : 08/03/2014
नेत्रदान का संकल्प कर आपने बड़ा ही पुण्य का कार्य किया है ... साधुवाद |
जवाब देंहटाएंआभार शिवम जी , मेरे यहाँ से जाने के बाद भी कविताएँ जन्म लेती रहें इसलिए मैंने यह संकल्प लिया |
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