tag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post4155892777793452611..comments2024-01-31T12:34:46.771+05:30Comments on एक:: प्रेम की ताला-चाबी Amit Kumar Nemahttp://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-42454856872316376472014-11-23T14:16:11.902+05:302014-11-23T14:16:11.902+05:30जी , फिल्म्स और सीरियल व चैनल प्रेम को देह तक सीमि...जी , फिल्म्स और सीरियल व चैनल प्रेम को देह तक सीमित करके चित्रित कर रहे हैं , यह ऐंसा ही है जैसे कि घड़े में भरा हुआ पानी और गुब्बारे में भरी हुई हवा !!Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-73578394169001752212014-11-23T04:35:44.767+05:302014-11-23T04:35:44.767+05:30वास्तव में प्रेम के इसी स्वरूप को प्रसारित किया जा...वास्तव में प्रेम के इसी स्वरूप को प्रसारित किया जाना चाहिए पर हमारी फिल्म्स और सीरियल व चैनल कुछ अलग ही कर रहे हैं Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-77375298519897116982014-11-22T00:31:12.492+05:302014-11-22T00:31:12.492+05:30डॉ.मोनिका जी , यह कथ्य आपने पढ़ा और आपको युक्तियुक्...डॉ.मोनिका जी , यह कथ्य आपने पढ़ा और आपको युक्तियुक्त लगा , सादर धन्यवाद Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-47513205814657559622014-11-22T00:29:34.906+05:302014-11-22T00:29:34.906+05:30धन्यवाद !! बिला शक निष्काम प्रेम , पूर्ण समर्पण क...धन्यवाद !! बिला शक निष्काम प्रेम , पूर्ण समर्पण का ही दूसरा नाम है, जिसे इन महानुभावों ने दोहों के रूप में गागर में सागर का रूपक प्रस्तुत करते हुए बखाना है !Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-51909770759985399982014-11-22T00:26:55.694+05:302014-11-22T00:26:55.694+05:30आदरणीय आपने अपने अमूल्य समय का दान देकर इसे पढ़ा और...आदरणीय आपने अपने अमूल्य समय का दान देकर इसे पढ़ा और यह आपको अच्छा लगा , हार्दिक आभारी हूँ !Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-60834315045772032952014-11-21T19:30:17.010+05:302014-11-21T19:30:17.010+05:30व्यावहारिक विचारशीलता लिए व्याख्या .... व्यावहारिक विचारशीलता लिए व्याख्या .... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-51996037923031011202014-11-21T17:42:35.976+05:302014-11-21T17:42:35.976+05:30हिमन प्रीति सराहिए, मिले होत रँग दून ।
ज्यों जरदी...हिमन प्रीति सराहिए, मिले होत रँग दून ।<br />ज्यों जरदी हरदी तजै, तजै सफेदी चून <br />..बहुत बढ़िया ..<br />इस सम्बन्ध में कबीर दास जी ने भी खूब कहा है ....<br />प्रेम गली अति सांकरी जामे दो न समायकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-40120010443156966692014-11-21T15:41:54.047+05:302014-11-21T15:41:54.047+05:30प्रेमी और प्रेमास्पद का रिश्ता कुछ ऐंसा होता है :...प्रेमी और प्रेमास्पद का रिश्ता कुछ ऐंसा होता है : > > पठनीय..Dwarika Prasad Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05225890890447891876noreply@blogger.com