tag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post554834719558633309..comments2024-01-31T12:34:46.771+05:30Comments on एक:: खामोश लबों से "एक पहर दिनमान शेष है"Amit Kumar Nemahttp://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-15221256917859659012014-07-21T20:51:11.729+05:302014-07-21T20:51:11.729+05:30आपका हार्दिक स्वागत है , वन्दन है , अभिनन्दन है !!...आपका हार्दिक स्वागत है , वन्दन है , अभिनन्दन है !! यह गंगा उल्टी ना बहाइये , विनयावनत होने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त होने दीजिये, यही स्नेह, संरक्षण , बनाये रखें और हम सदैव आपसे सीखते रहें यही मंगलकामना है | <br />Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1228806858651443225.post-60932376991218680982014-07-21T20:45:59.419+05:302014-07-21T20:45:59.419+05:30अमित जी आपका हृद पूर्वक आभार ---इस महान हस्सती श्र...अमित जी आपका हृद पूर्वक आभार ---इस महान हस्सती श्री निर्मल चंद निर्मल जी को सादर नमन---प्रेरक हाइन युवा पीडी के लिए.आप ऐसे व्यक्ति से जुड़ें हैं ये आपका सौभाग्य है----उनकी उर्जा इसी प्रकार प्रवाहित होती रहे प्रभावित करती रहे ----<br />आपने मेरी इस प्रथम कृति की इतनी प्रशंसा की और निर्मल जी के साथ इसे प्रस्तुत किया ये मेरा अहो भाग्य है अमित जी ---आपके इस स्नेह के आगे मैं नट मस्तक हूँ----सदैव आभारी रहूंगी ------बनाए रखिए ये स्नेह दृष्टि सदैव ajani poetryhttps://www.blogger.com/profile/17992968145799150074noreply@blogger.com